क्या अमेरिका के वैज्ञानिकों ने चांद पर की थी एलियंस से मुलाकात, जानिए अंतरिक्ष से जुड़े इस अजीब रहस्य के बारे में ?
- नासा ने पहली बार चांद पर भेजा था इंसान
- नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद रखने वाले पहले इंसान बने
- मिशन के दौरान चांद पर एलियंस होने के मिले साक्ष्य
डिजिटल डेस्क, भोपाल। 20 जुलाई 1969 अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने इतिहास कायम किया था। एजेंसी के अपने मून मिशन अपोलो के जरिए पहली बार इंसान ने चांद की सतह पर कदम रखा था। इसी के साथ नील आर्मस्ट्रॉन्ग दुनिया के पहले इंसान बने जिन्होंने चांद पर पहला कदम रखा था। नासा ने इस कामयाबी के बाद चांद पर कई तरह के अभियान भेजे थे। हालंकि 1972 में ये सफर थम गया था।
नासा के इस मिशन के बाद से अब तक कोई भी इंसान चांद पर नहीं पहुंच पाया है। इस बात ने कई वैज्ञानिकों को हैरत में भी डाल दिया था। उनकी हैरानी की वजह यह थी कि अपोलो 11 मिशन में चंद्रमा पर इंसानों के पहुंचने की कई महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग गायब हो गई थी। कहा जाता है कि इस रिकॉर्डिंग में लोगों के चांद पर जाने और आने से लेकर चांद के कई वीडियो थीं। जिसके बाद इन्हीं रॉ टेप्स के गुम हो जाने के बाद एलियन्स के अस्तित्व को लेकर कई रिसर्च और स्टडीज भी सामने आई थीं।
कहा जाता है कि इन टेप्स में कुछ ऐसी चीजें मौजूद थी। जो चंद्रमा की वास्तविक के बारे में बताती थीं। जैसे कि चंद्रमा पर एलियंस जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इन खोई हुई टेप्स में चांद पर भ्रमण करने गए अंतरिक्ष यात्रियों और एलियंस से हुई मुलाकात के वीडियो भी शामिल थे। उस दौर में किसी चीज का लाइव प्रसारण नहीं दिखाया जाता था। सिर्फ रॉ को एडिट करने के बाद ही टीवी पर दिखाया जाता था। कहा जाता है कि अमेरिका ने उस समय असली टेप को कहीं छुपा दिया था और सिर्फ असली टेप के कुछ हिस्से ही दिखाए।
चंद्रमा में एलियंस के अस्तित्व को लेकर थ्योरिस्ट का कहना है कि उन्होंने चांद में काफी छोटे हिस्सें मौजूद हैं, जिनके बारे में हम अब तक पता लगा पाए हैं। थ्योरिस्ट के मुताबिक चांद अंदर से काफी खोखला है। साथ ही, इन गड्ढों में मानव सभ्यता से अलग दूसरी सभ्यता निवास करती है।
नासा ने अपने मून मिशन के दौरान चांद के मूवमेंट और हलचल जानने के लिए सिस्मोमीटर भी फिट किया था। इस मिशन के दौरान, चांद की सतह में 20 से 30 किलोमीटर नीचे वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी चीज़ को महसूस किया था जो बेहद हैरान करने वाली थी। उन्होंने चांद के अंदर से अजीबोगरीब आवाजों को सुना था। ये आवाजें सुनने में किसी घंटी के जैसे ही लग रही थी। अब ऐसे में सवाल उठता है कि खोखली और कम डेन्सिटी वाली जगहों पर इस तरह की आवाजें सुनने को मिलती हैं तो आखिर चांद के इस खाली हिस्से में क्या हो सकता है ? क्या चांद के इस हिस्से में कुछ ऐसा है कि जिसके बारे में इंसानों को भी जानकारी नहीं है।
चांद की आवाजों को लेकर यूएफओ विशेषज्ञ और वैज्ञानिक स्कॉट वेरिंग ने दावा किया है कि चांद के अंदर तरफ कई तरह के विशाल गड्ढे मौजूद हैं, जिसमें एलियंस निवास करते हैं। इतना ही नहीं, स्कॉट ने कई तरह के रॉ वीडियोज के जरिए इस दावे की पुष्टी भी की है। दरअसल, कई वैज्ञानिक कंस्पिरेसी के कॉन्सेप्ट पर यकीन करते हैं। जिसके मुताबिक, जब अमेरिका आखिरी बार चांद की यात्रा पर गया था। तो उस समय, एलियंस ने अंतरिक्ष यात्रियों को वार्निंग दी होगी। जिसके बाद वहां कुछ अजीब घटना हुई होगी जिस कारण अंतरिक्ष यात्रीयों की रिकॉर्डिंग खो गई होगी। शायद यही वजह रही होगी कि उसके बाद से ही कभी भी इंसान चांद पर दोबारा वापस नहीं गया।